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Computer Kya Hai? – कंप्यूटर का इतिहास

Computer Kya Hai? – कंप्यूटर का इतिहास

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर प्रोग्राम द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर प्रक्रियाओं व गणनाओं का संचालन करता है!

कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी भाषा के “Compute” शब्द से बना है, जिसका अर्थ है “गणना” करना, Computer ka  Aviskar कैलकुलेशन (गणना) करने के लिये हुआ था, पुराने समय में कंप्यूटर का उपयोग केवल गणना करने के लिये किया जाता था। किन्‍तु आज कंप्यूटर का उपयोग डाक्‍यूमेन्‍ट बनाने, ई-मेल भेजने और प्राप्त करने, संगीत देखने और सुनने, मनोरंजन, गेम्स खेलने के साथ-साथ और भी अन्य कामों में किया जा रहा है जैसे- बैकों में, शैक्षणिक संस्‍थानों में, कार्यालयों में, घरों में, दुकानों आदि में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है।
Computer Full Form:
COMPUTER KA FULL FORM COMMON OPERATING MACHINE PARTICULARLY USED IN TECHNOLOGY EDUCATION AND RESEARCH

Computer Ka Avishkar Kisne Kiya (Computer Ke Janak) (Computer Ke father)

कंप्यूटर का आविष्कार


कंप्यूटर का आविष्कार चार्ल्स बैबेज ने किया था, चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का पिता  कहा जाता है। चार्ल्स बैबेज एक अंग्रेजी विद्वान थे। वह एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और यांत्रिक इंजीनियर थे, जो वर्तमान में सबसे अच्छे कंप्यूटर प्रोग्राम की अवधारणा के लिए याद किये जाते है।
उन्होंने Computer Ka Aviskar सन 1822 के लगभग किया था। 1822 में चार्ल्स बैबेज ने पहली स्वचालित कम्प्यूटिंग मशीन बनायीं थी। यह मशीन एक सीमित प्रकार की गणना करती थी और उसका रिजल्ट हमे हार्ड कॉपी के रूप में प्रदान करती थी। पैसों की कमी के कारण चार्ल्स बैबेज इस मशीन पर आगे काम नही कर सके।

history of computer (Computer Ka Itihas)

कंप्यूटर का इतिहास
कंप्यूटर का इतिहास काफी पुराना है। लगभग 3000 वर्ष पहले अबेकस (Abacus) नामक गणना करने वाले एक विचित्र यंत्र का अविष्कार हुआ था, ये माना जाता है की इस यंत्र का अविष्कार चीन में हुआ था। अबेकस नामक यंत्र में कई छडें होती थी, जिनमें कुछ गोले के आकार की रचनाये होती थी। जिनके माध्यम से जोड़ और घटाने का कार्य किया जाता था। परन्तु अबेकस के द्वारा गुणन और विभाजन का कार्य नहीं किया जा सकता था।
मानव के लिए गणना करना शुरु से ही कठिन रहा है कोई भी व्यक्ति बिना किसी मशीन के एक सीमित स्तर तक ही गणना कर सकता है एवं ज्यादा बडी गणना करने के लिए मनुष्य को मशीन पर ही निर्भर रहना पड़ता है इसलिए गणना करने के लिए मनुष्य ने Computer Ka Aviskar किया।

(Computer Ki Generation)   

Generation of Computer 


कंप्यूटर की पीढ़ी

कंप्यूटर का विकास पाँच पीढ़ियों में हुआ है जिसमें प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सन् 1946 में वैक्‍यूम ट्यूब (Vacuum Tube) युक्‍त था। इसी से ही कंप्यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया गया। कंप्यूटर के विकास में कई डिवाइसेस की सहायता से कंप्यूटर ने तब से लेकर आज तक की यह यात्रा की है तथा इस क्रम में Computer Ki Pidiya में विभिन्न तरह के परिवर्तन देखने को मिले।

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation Computer) – 1940-1956

वैक्यूम टूयूब्स – कंप्यूटर की पहली पीढ़ी में इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को कण्ट्रोल करने के लिए वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग किया गया सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की कल्पना साकार हुई। ये कंप्यूटर आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमें टूट-फुट और खराब होने की संभावना अधिक रहती थी। इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे। पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार लगभग एक कमरे के बराबर होता था।

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generation Computer) – 1956-1963

ट्रांजिस्टर – दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ, इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टरों का एक साथ प्रयोग किया जाने लगा था, जो वैक्यूम टूयूब्स की अपेक्षा अधिक सक्षम और सस्ते होते थे। इस पीढ़ी में वैक्यूम टूयूब्स के स्थान पर ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा। ट्रांजिस्टर का आकार वैक्यूम टूयूब्स की तुलना में काफी छोटा होता है, जिससे कंप्यूटर का आकार छोटा हुआ और उनकी गणना करने की क्षमता अधिक और तेज हो गयी।

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation Computer) – 1964-1971

इंटीग्रेटेड सर्किट – कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनीकि प्रयास किये जाते रहे, जिसके परिणाम स्वरूप सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का निर्माण होने से कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाने लगा। जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर का अब तक के सबसे छोटा आकार करना संभव हो सका इनकी गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी, जो स्माल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सकी।

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation Computer) – 1971-1985

माइक्रोप्रोसेसर – चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया। वी.एस.एल.आई. की प्राप्ति से एक चिप पर हजारों ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते थे। चौथी पीढ़ी में कंप्यूटर का आकार और छोटा किया गया और माइक्रोप्रोसेसर के द्वारा इसकी गति भी काफी बढ़ गयी, जिससे यह आकार में छोटा और गतिशील बन सका।

कंप्यूटर की पाँचवीं पीढ़ी (Fifth Generation Computer) – 1985-आज तक

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस – पाँचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर कृत्रिम बुद्धि पर आधारित है, कंप्यूटर की जो अगली पीढ़ी है जिस पर अभी काम चल रहा है और कुछ हद तक सफलता भी मिल चुकी है जैसे की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित कंप्यूटर। इस प्रकार के कंप्यूटर सभी काम खुद करने में सक्षम होंगे, इस तरह के कंप्यूटर को हम रोबोट, और कई अलग प्रकार के मशीनों में देख सकते है जो मानव से भी अधिक काम करने में सक्षम होगा।

Type of Computer Computer Ke Prakar

प्रथम कंप्यूटर के आने से लेकर अब के कंप्यूटर में विभिन्न तरह के परिवर्तन देखने को मिले है कंप्यूटर मुख्यतः चार प्रकार के होते है:
  • सुपर कंप्यूटर (Supercomputer)
  • मेनफ़्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
  • मिनी कंप्यूटर (​Minicomputer)
  • माइक्रो कंप्यूटर (​Microcomputer)

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